by Shri Sanjeev Newar | Sep 7, 2021 | Yuva Prabodhan
ब्रह्मचर्य का अर्थ है – ‘ब्रह्म’ – सर्वोच्च स्त्रोत और लक्ष्य की प्राप्ति में तत्पर रहते हुए जीवन यापन करना. ब्रह्मचर्य का अर्थ अविवाहित रहना नहीं है. इसका अर्थ है तन और मन को मात्र उद्देश्यपूर्ण गतिविधियों में लगाए रखना. वह गतिविधियां जिनसे बल और संकल्प की...
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