समाधान मंजूषा

समाधान मंजूषा

मंत्र जप का क्या महत्त्व है ? ध्यान या जप ईश्वर के प्रति एक तरह की वचनबद्धता है. यह एक प्रण है जो हम ईश्वर से करते हैं कि – १. हम आप के साथ सहयोग करेंगे. २. ईश्वर द्वारा हम पर संरक्षण और स्नेह की जो वर्षा होती है, हम उसे सार्थक करेंगे. ३. हम उन सभी गुणों को आत्मसात...
धर्म के लक्षण

धर्म के लक्षण

धृतिः क्षमा दमोऽस्तेयं शौचमिन्द्रियनिग्रहः |धीर्विद्या सत्यमक्रोधो दशकं धर्मलक्षणम् || धृति – सदा धैर्य रखना, तनिक-तनिक सी बातों में अधीर न होना. क्षमा- निंदा-स्तुति, मान-अपमान, हानि-लाभ आदि दु:खों में सहनशील रहना. दम: – चंचल मन को वश में करके उसे अधर्म की...
दिन का शुभारम्भ वेद मन्त्र से करें !

दिन का शुभारम्भ वेद मन्त्र से करें !

वेद–वाणी दिन का शुभारम्भ वेद मन्त्र से करें ! ओं शं नो मित्रः शं वरुणःशं नो भवत्वय्यर्मा |शं नो इन्द्रो बृहस्पतिःशं नो विष्णुरुरुक्रमः || हे मंगल प्रदेश्वर! आप सर्वथा सबके निश्चित मित्र हो, हमको सत्यसुखदायक सर्वदा हो,हे सर्वोत्कृष्ट, स्वीकरणीय, वरेश्वर! आप वरुण...